उपभोक्ता संरक्षण कानून और किसान कृषि कार्य को एवं किसान द्वारा की जाने वाली कृषि गतिविधियों में काम आने वाली सेवाओं को उपभोक्ता संरक्षण अधि नियम के तहत आजीविका कमाने के अंतर्गत कवर मान लिया गया है तथा इसे वाणिज्यिक उद्देश्य नहीं मानी गया है। किसी खेती के लिए खाद, बीज, ट्रैक्टर, सिंचाई संयत्र आदि का उपयोग करता है। यदि इनमें किसी प्रकार से कोई खराबी हो या सेवा दोष होतो उसके लिए किसान उपभोक्ता संरक्षण कानून की मदद ले सकता है। किसान जब अच्छी गुणवत्ता वाला बीज श्रेष्ठ ट्रेडमार्क का लेता है तो वह उम्मीद करता है बिीज उच्चतम गुणवत्ता का होगा और उसे अच्छी फसल प्राप्त होगी। यदि वह पूर्ण रूपेण समय पर पानी, खाद दे, बुवाई करे एवं वैज्ञानिक ढंग से खेती करे तो उसे अच्छी उपज प्राप्त हो सकती है। यदि बीज में किसी प्रकार से कोई खराबी होतो वह उपभोक्ता संरक्षण कानून की मदद ले सकता है। इसके लिए किसान को चाहिए कि वह बीजल की खरीददारी करते समय उसका बिल अवश्य ले । श्रेष्ठता की किस्म, विज्ञापन आदि को संभाल कर रखें। बीज की बुवाई के सम्बन्ध में दी गई जानकारीयों के विज्ञापनों व दिए गए वायदों एवं निर्देशों को संभाल कर रखें । बीजों के नमूनों को भी संभाल कर रख लेने चाहिए जिसे कि भविष्य में बीज खराब होने व सेवाओं में कमी के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून की मदद लेनी पड़े, उपभोक्ता न्यायालय में जाना पड़े और लेबोरेटरी टैस्ट करवाने पड़े तो आसानी हो सके। अक्सर किसान आज्ञानतावश बीजों के नमूनों को संभालकर नहीं रखते और भविष्य में बीज में खराबी होने से उनकी लेबोरेटरी जाचं करवाया जाना सभव नहीं हो पाता है। इस प्रकार खाद का प्रयोग भी पूरी सावधानी से करना चाहिए एवं निध पारित मात्रा में दिए गए निर्देशानुसार ही खाद डालनी चाहिए। इसके उपरान्त भी यदि खाद दिए गए विज्ञापन एवं बताए गए अनुसार नहीं है व उससे फसल नहीं होती है तो उसके लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून में शिकायत की जा सकती है। समय-समय पर संरपंच, ग्राम सेवक अथवा पटवारी से फसल के बारे में सूचना देकर प्रमाण पत्र ले लेना चाहिए एवं खेत की माप भी करवा लेनी चाहिए। खराब खाद के कारण यदि फसल खराब होती है और नुकसान होता है तो उसके लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत की जा संरक्षण कानून में शिकायत की जा सकती है। समय-समय पर संरपंच, ग्राम सेवक अथवा पटवारी से फसल के बारे में सूचना देकर प्रमाण पत्र ले लेना चाहिए एवं खेत की माप भी करवा लेनी चाहिए। खराब खाद के कारण यदि फसल खराब होती है और नुकसान होता है तो उसके लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत की जा सकती है। उसके लिए खाद का बील भी होना आवश्यक है। खाद का नमूना भी लेबोरेटरी में जांच के लिए होना चाहिए जो कि साक्ष्य के रूप में काम आ सकेगा। इसी प्रकार किसान के द्वारा ट्रेक्टर की खरीद की जाती है। उसके लिए सम्पूर्ण राशि जमा करा दी जाती है और उसे ट्रेक्टर नहीं दिया जाता और विलम्ब किया जाता है। इस बीच कीमत बढ़ जाने पर बढ़ी हुई राशि किसान से ली जाती है तो किसान ऐसी बढ़ी हुई कीमत के लिए कदापि जिम्मेदार नहीं है। वह इस अधिनियम के तहत शिकायत कर सकता हैं। ट्रेक्टर में गांरटी की अवधि में खराबी होने पर उत्पादकीय दोष के आधार पर उत्पादक को पक्षकार बनाते हुए इस अधिनियाम में शिकायत की जा सकती है। इसी प्रकार सिंचाई सयंत्र में पाईप मोटर आदि में खराबी होने पर भी किसान इस अधिनियम का लाभ प्राप्त कर सकता है। इसी प्रकार से कीटनाशक दवाइयों का उपयोग में लेने के बाद उनसे फसल में कोई फर्क नहीं पडनें पर इस अधिनियम के तहत शिकायत कर सकता है। आज किसान बैंक, बीमा, वित्तिय कम्पनियों आदि की सेवाएं एवं बिजली की सेवाएं भी प्राप्त करता है, जिन मामलों में भी वह पूर्ण रूप से उपभोक्ता होता है। कृषक को चाहिए कि वह इस अधिनियम में शिकायत करने से पूर्व सम्बन्धित कृषि अधि कारी से भी सम्पर्क करें एवं विशेषज्ञ रिपोर्ट भी प्राप्त करें।
अध्यात्म कि शक्ति जग मे उँची । लक्ष्मी कि शक्ति भी इससे नीची ।। अध्यात्म रहेगा जाने के बाद लक्ष्मी रहेगी और के साथ ।अध्यात्म करेगा भवसागर पार । लक्ष्मी बनेगी जीवन मे भार ।लक्ष्मीपति अध्यात्म के साथ । इसलिये बन जाओ उनके दास ।। रचियता :- विजेन्द्र प्रकाश हलचल ___संस्थापक श्री त्रिकाल संस्कार शक्ति पीठाश्रम मो. 09214536903 किशनगढ - मकराना